चण्डीगढ, 10 मार्च - हरियाणा के राज्यपाल श्री जगन्नाथ पहाडि़या ने आज राजभवन से कन्या भ्रूण हत्या और ग्लोबल वार्मिंग पर जागरूकता के लिए एक रैली को रवाना किया जो प्रदेश के विभिन्न भागों से होकर 17 मार्च को दिल्ली पहुंचेगी। रैली का नेतृत्व कन्या बचाओ व पेड़ लगाओ मिशन के लिए हरियाणा की ब्रांड अम्बेसडर कुमारी ईशिता उप्पल कर रही हैं।
यह रैली पंचकुला से गुजरती हुई 11 मार्च को यमुनानगर, 13 मार्च को सोनीपत व झज्जर, 14 मार्च को महेन्द्रगढ, 15 मार्च को गुड़गांव, 16 मार्च को फरीदाबाद और 17 मार्च को हरियाणा भवन दिल्ली पहुंचेगी।
इस अवसर पर बातचीत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा में कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। इन प्रयासों से राज्य में लिंगानुपात में सुधार हुआ है। 2001 की जनगणना में यह 861 था जो 2011 में 877 हो गया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में केवल सरकार के प्रयास ही काफी नहीं हैं। इस बुराई का अन्त करने के लिए बेटियों के प्रति लोगों की सोच को बदलना जरूरी है और यह काम समाज की सक्रिय भागीदारी के बिना सम्भव नहीं है।
उन्होंने सब माता-पिता से अनुरोध किया कि वे बेटियों को जीवन में समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें ताकि वे भविष्य में उनका व उनके वंश का ही नहीं पूरे प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल कर माता-पिता, राज्य, समाज व देश का नाम रोशन कर रही हैं। हरियाणा में कल्पना चावला, संतोष यादव, ममता सौदा, ममता खर्ब, साइना नेहवाल, सुमन कुण्डु, जसप्रीत कौर, प्रीतम रानी सिवाच, सीता गुसाईं, अलका तोमर, गीतिका जाखड़ आदि कितनी ही बेटियां हैं जिन पर हमें गर्व है।
राज्यपाल ने कहा कि कन्या भू्रण हत्या की सामाजिक बुराई को समाप्त करने और ग्लोबल वार्मिंग के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए आयोजित ऐसे कार्यक्रम बहुत महत्व रखते हैं। उन्होंने समाज की सोच को बदलने के लिए हरियाणा की ब्रांड अम्बेसडर कुमारी ईशिता उप्पल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इसके लिए उसे और उसके माता-पिता व इस मिशन में लगे सब समाजसेवियों को बधाई दी।
इस अवसर पर कुमारी ईशिता उप्पल ने अपने अभियान में सबसे सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराईयों को हम तभी मिटा सकते हैं जब लोगों की सोच बदले और सब मिलकर सामाजिक बुराईयों के खिलाफ खड़े हो जाएं।
क्रमांक-2012
चंडीगढ, 10 मार्च- हरियाणा सरकार ने निर्यातक इकाइयों को 49 करोड़ रुपये की माल भाड़ा राशि प्रदान की है। राज्य का कुल निर्यात वर्ष 2009-10 के 43,679 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 48,530 करोड़ रुपये हो गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह जानकारी हरियाणा के अर्थ एवं सांख्यिकीय विश्लेषण विभाग द्वारा जारी वर्ष 2011-12 के आर्थिक सर्वेक्षण में दी गई है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के अनुसार केवल कुछ अपील केसों को छोड़कर पुरानी विभिन्न अनुदान की योजनाओंं के अर्न्तगत लम्बित केसों की बकाया अनुदान राशि का वितरण कर दिया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि हरियाणा राज्य का निवेश करने हेतु एक अग्रणी स्थान बना हुआ है। राज्य में योजनाओं में निवेश करने की दर सबसे ऊंची है। राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मार्के ट में अनिश्चितता एवं बदलाव का वातावरण होने के बावजूद वर्ष 2005 से 59,000 करोड़ रुपये का निवेश कार्यान्वित हो गया है एवं 96,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की प्रकिया जारी है। राज्य में अब तक सीधा विदेशी निवेश 13,128 करोड़ रुपये का हुआ है, जिसमें से 9,629 करोड़ रुपये औद्योगिक नीति 2005 के लागू होने के बाद निवेश हुआ है। राज्य ने वर्ष 2011-12 में सीधा विदेशी निवेश 200 करोड़ रुपये प्राप्त किया है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के अनुसार हरियाणा वर्ष 2005-06 और 2011-12 राज्य सकल घरेलू उत्पाद में देश का दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। सेवा क्षेत्र उद्योग क्षेत्र के मुकाबले ज्यादा तेजे से बढ़ा है और राज्य की आर्थिक व्यवस्था का मुख्य आधार बन गया है। परंतु उद्योग की अच्छी विकास दर स्थाई आधार को बनाए रखने के लिए भी जरूरी है।
प्रवक्ता ने बताया कि उद्योग क्षेत्र में सकल स्थाई पंूजी निर्माण दीर्घकालिक आधार पर इस क्षेत्र में हुई वृद्घि का महत्वपूर्ण सूचक है। उद्योग क्षेत्र में सकल स्थाई पूंजीनिर्माण का अंश जिसमें विनिर्माण, निर्माण और बिजली गैस व जलापूर्ति आते हैं, वर्ष 2004-05 में 55.4 प्रतिशत था, जोकि लगातार बढ़कर वर्ष 2009-10 में 59.3 प्रतिशत हो गया है, जिसमें वर्ष 2007-08 में थोड़ी कमी हुई है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में बताया गया है किऔद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण सूचकांकांे से एक है। सामान्य औद्योगिक उत्पादन सूचकांक वर्ष 2009-10 में 223.7 से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 241.4 हो गया, जिसमें गत वर्ष की तुलना में 7.9 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज हुई। विनिर्माण क्षेत्र में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में अधिकतम भार है, का सूचकांक वर्ष 2009-10 केे 218.0 से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 236.5 हो गया, जो 8.5 प्रतिशत की वृद्घि दर्शाता है। विद्युत क्षेत्र का सूचकांक गत वर्ष की तुलना में 2.6 प्रतिशत वृद्घि दर्शाता है, क्योंकि यह वर्ष 2009-10 के 360.2 से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 369.5 हो गया है। इसी प्रकार खनन तथा उतखनन क्षेत्र का सूचकांक वर्ष 2009-10 के 98.7 से घटकर वर्ष 2010-11 में 97.6 हो गया है, जाकि 1.1 प्रतिशत की कमी दर्शाता है।
प्रवक्ता के अनुसार सर्वेक्षण में दर्शाया गया है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक एवं इसके मुख्य संगठकों में वृद्घि हुई है, जिसमें आधार वर्ष 1999-2000 = 100 के अनुसार वर्ष 2007-08 में खनन एवं उतखनन 4.1, विनिर्माण 8.9, विद्युत 3.5, आधारभूत पदार्थ 6.3, पूजीगत पदार्थ 11.7, मध्यवर्ती पदार्थ 8.2, उपभोक्ता पदार्थ 7.6 और सामान्य 8.4 है। इसी प्रकार वर्ष 2008-09 में खनन एवं उतखनन 7.3, विनिर्माण 2.3, विद्युत 16.5, आधारभूत पदार्थ 8.1, पूजीगत पदार्थ 3.8, मध्यवर्ती पदार्थ 6.1, उपभोक्ता पदार्थ 0 और सामान्य 3.5 है। वहीं, वर्ष 2009-10 में खनन एवं उतखनन 2.8, विनिर्माण 10.7, विद्युत 13.8, आधारभूत पदार्थ 8.6, पूजीगत पदार्थ 16.1, मध्यवर्ती पदार्थ 25.2, उपभोक्ता पदार्थ 0.6 और सामान्य 10.9 है। वर्ष 2010-11 में खनन एवं उतखनन -1.1, विनिर्माण 8.5, विद्युत 2.6, आधारभूत पदार्थ 4.1, पूजीगत पदार्थ 15.8, मध्यवर्ती पदार्थ 4.5, उपभोक्ता पदार्थ 7.0 और सामान्य 6.9 है।
उन्होंने बताया कि आधारभूत पदार्थों के उद्योगों जैसे खाद, कीटनाशक, लौह, इस्पात तथा जंगरोधक इस्पात की विभिन्न चीजों में, खनन एवं उतखनन तथा विद्युत इत्यादि का सूचकांक वर्ष 2009-10 में 195.6 से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 203.7 हो गया है, जिसमें 4.1 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई है।
सर्वेक्षण के अनुसार पूजीगत पदार्थों के उद्योगों जैसे ट्रैक्टर, मोटर-कारें, क्रेनें, कम्प्रैशर, डम्पलोडर, रैफ्रिजरेटर, ए सी मोटरें तथा इन्सुलेटिड केबल आदि का सूचकांक वर्ष 2009-10 में 201.7 से बढ़कर वर्ष 2010-11 मेें 233.6 हो गया है, जिसमें 15.8 प्रतिशत की वृद्घि हुई है। वहीं, मध्यवर्ती पदार्थों के उद्योगांे जैसे धागे, डाई एवं कलर, शीशे की बोतलें, फाइवर ग्लास की शीटें व बोर्ड, गैस सिलेंडरों, मोटर गाडि़यों के पुर्जें एवं सहायक यंत्रों तथा मोटर साइकिलों, स्कूटरों तथा तिपहिया वाहनों के पुर्जे एवं सहायक यंत्रों इत्यादि का सूचकांक वर्ष 2009-10 में 274.9 से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 287.1 हो गया, जोकि 4.5 प्रतिशत की वृद्घि दर्शाता है।
उपभोक्ता पदार्थों के उद्योगों का सूचकांक वर्ष 2009-10 में 224.9 से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 240.5 हो गया है, जिसमें 7.0 प्रतिशत की वृद्घि हुई है। उपभोक्ता टिकाऊ पदार्थ उद्योग जैसे टायर व ट्यूव, रेडियो टैलीफोन प्रणाली, मोटर साइकिलोें, साइकिलों तथा सभी प्रकार के वर्तनों आदि का सूचकांक वर्ष 2009-10 में 319.2 से बढ़कर वर्ष 2010-11 में 345.9 हो गया, जिसमें गत वर्ष की तुलना में 8.4 प्रतिशत की वृद्घि हुई है। उपभोक्ता गैर टिकाऊ पदार्थों जैसे दूध एवं मिल्क पाउडर, देसी घी, चावल, चीनी, खाद्य तेल, चमड़े के जूते, रैडीमेड कपड़े तथा काजग आदि का सूचकांक वर्ष 2009-10 में 175.7 से बढकर वर्ष 2010-11 में 185.6 हो गया, जिसमें गत वर्ष की तुलना में 5.6 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई है।
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चंडीगढ, 10 मार्च- हरियाणा सरकार राज्य के लोगों के स्वास्थ्य निर्धारण संकेतकों में सुधार लाने हेतू निरंतर प्रयासरत हैं। निशुल्क संस्थागत प्रसवों तथा निशुल्क परिवहन सेवाओं के परिणाम स्वरूप संस्थानागत प्रसूतियों में 77.2 प्रतिशत की वृद्घि हो गई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री राव नरेन्द्र ने कहा है कि गर्भवर्ती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने हेतु प्रत्येक माता एवं शिशु का (माता एवं बच्चा ट्रेकिंग प्रणाली) सॉफ्टवेयर के माध्यम से ध्यान रखा जा रहा है, जिससे शिशु मृत्यु दर नवीनतम एस आर एस 2010 के अनुसार 51 से घटकर 41 हो गई है, जो वर्ष 2008 की तुलना में लगभग 32 प्रतिशत अधिक है। राज्य में 9 नवजात बीमार शिशु देखभाल इकाइयों भी स्थापित की जा चुकी हैं, जिसके परिणाम स्वरूप 8 हजार से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकी है और ऐसी पांच अन्य इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। मेवात जिले के मास जून 2011 में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया था। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत लाभों के अतिरिक्त निःशुल्क आहार भी माता को अस्पताल में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि सामान्य रूप से किये जाने वाले टीकाकरण को सुदृढ़ करने के अतिरिक्त खसरे का प्रतिरक्षण अभियान भी चलाया जा रहा है तथा राज्य के सभी बच्चों को कवर करने वाला ऐसा अभियान देश के कुछ ही राज्यों में चलाया जा रहा है, जिनमें से हरियाणा राज्य एक है। शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए घरेलू आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम आशाओं तथा एएनएम के प्रशिक्षण के माध्यम से प्रारम्भ किया जा रहा है। प्रत्येक जिला अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाले गर्भवर्ती महिला को यशोदा नाम प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। स्वास्थ्य वाहन सेवा नंबर 102 को 24 जनवरी 2012 को 17 अग्रिम जीवन सहायता एम्बुलेंस से अपग्रेड किया गया है। वर्तमान वर्ष के दौरान स्वास्थ्य वाहन सेवा 102 के माध्यम से कुल 2.97 लाख रोगियो को लाभ पहंुचाया गया है, जिनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के आधारभूत ढांचे में सुधार तथा निशुल्क दवाइयों व सरल सर्जरी पैकेज के परिणाम स्वरूप वर्ष 2011 में बहिरंग रोगियों की संख्या बढ़कर 1.67 करोड़ तथा अंतरग रोगियों की संख्या बढ़कर 13.94 लाख हो गई, जो कि वर्ष 2008 की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि पानीपत, रेवाड़ी तथा नारनौल के तीन जिला अस्पतालों को अतिरिक्त बलाकों के निर्माण द्वारा अपग्रेड किया जा रहा है। झज्जर तथा बहादुरगढ़ के अस्पतालों के नये भवनों का निर्माण कार्य 18 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण हो चुका है तथा यह अस्पताल संचालित हो चुके हैं। सात समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 39 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 145 उप केन्द्रों का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। 13वें वित्त आयोग के तहत आधारभूत ढांचे के लिए 50 करोड़ तथा राज्य बजट में 15 करोड़ रुपये का प्रावधान निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कुशल मानव संसाधन के उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु सभी सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। सोनीपत तथा मेवात में दो चिकित्सा महाविद्यालयों का निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है। चिकित्सा महाविद्यालय सोनीपत में स्थित अस्पताल में प्रतिदिन 500 से 600 बहिरंग रोगियों की उपस्थिति के साथ शुरूआत हुई है। पंडित बी डी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक में 43.78 करोड़ रुपये की कुल लागत से सुपर स्पशेलिटी, ओपीडी तथा दंतक यूनिट के नवनिर्मित भवन चालू हो चुके हैं। राज्य के 6 जिला अस्पतालों में नये जीएनएम नर्सिंग स्कूल स्थापित किये जाने का भी प्रस्ताव है। जिला अस्पतालों को सृदुढ़ बनाने हेतु चिकित्सकों के 285 नये पद अपग्रेडिड नार्म के अनुसार सृजित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बेहतर रूप से लागू करने तथा बेहतर पर्यवेक्षण हेतु सभी समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 111 वाहन उपलब्ध करवाये गये हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत सरकार के असंक्रमित रोग कार्यक्रम नये कार्यक्रमों में से एक है, जिसका उद्देश्य मधुमेय, कैंसर, रक्तचाप और स्ट्राक जैसे रोगों की रोकथाम तथा नियंत्रण करना है। इस कार्यक्रम के तहत जिला मेवात में एक लाख से अधिक लोगों की रक्तचाप तथा मधुमेय के लिए जांच की जा चुकी है। इसके पश्चात यमुनानगर कुरुक्षेत्र तथा अंबाला सहित तीन जिलों को इस कार्यक्रम के तहत कवर किया जाएगा।
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चण्डीगढ, 10 मार्च - हरियाणा माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने लैक्चरर्स और हैडमास्टर्स, जो वर्तमान में प्राधानाचार्य पद पर कार्यरत और पदोन्नित है, के अगले आदेश आने तक उनकी काऊसलिंग को स्थगित कर दिया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अपरिहार्य कारणों के कारण काऊसलिंग को स्थगित किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले यह काऊसलिंग सत्र 11 मार्च से शुरू होना था।
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